Friday, 22 April 2016

हे मानवों : सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला




            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
कौन है नासूर,कौन है नम्र-निराला  ?
           किसने सुमिरन किया,किसने मुख न खोला ?
 कौन है सत्य-साईं,कौन है झूठ बोला ?
 देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   किसने पुन्य किया,किसने पाप है पाला ?
   कौन है दाता दानी,कौन है लुटाने वाला ?
                          किसने ईमानदारी निभाई,किसने बेईमानी में हाथ डाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

          हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   कौन है अधम पाखंडी,कौन है धर्म वाला ?
                         किसने माता-पिता को सम्भाला,किसने घर से निकाला ?
  कौन है बेकसूर,कौन है गुनाहगार साला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
         किसने अमृत पिया,किसने विष का प्याला ?
         कौन है खुनी,कौन है रक्तदान करने वाला ?
                   किसने मालामाल किया,किसने निकाला दिवाला ?
  देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

              हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                             कौन है अमीरचंद की औलाद,कौन है फकीरचंद का पाला ?
                 किसने दीन-दुखियों को अपनाया,किसने है टाला ?
                              कौन है पेट फुलाकर सोया, किसने भूखे पेट वक्त निकाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

         हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                    किसने मोहमाया अपनाई,किसने सर्वस्व त्याग डाला ?
       कौन कहलाया अबला,कौन कहलाया सबला ?
               किसने बरसाए फूल,किसने चलाया भीषण भाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

       हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
      कौन है बहरूपिया,कौन है सच्ची शक्ल वाला ?
             किसने की 420-सी, किसने पहना 786 का बिल्ला ?
     कौन है मासूमों का सौदागर,कौन है रखवाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला.......






    



हे मानवों : सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला




            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
कौन है नासूर,कौन है नम्र-निराला  ?
           किसने सुमिरन किया,किसने मुख न खोला ?
 कौन है सत्य-साईं,कौन है झूठ बोला ?
 देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   किसने पुन्य किया,किसने पाप है पाला ?
   कौन है दाता दानी,कौन है लुटाने वाला ?
                          किसने ईमानदारी निभाई,किसने बेईमानी में हाथ डाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

          हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   कौन है अधम पाखंडी,कौन है धर्म वाला ?
                         किसने माता-पिता को सम्भाला,किसने घर से निकाला ?
  कौन है बेकसूर,कौन है गुनाहगार साला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
         किसने अमृत पिया,किसने विष का प्याला ?
         कौन है खुनी,कौन है रक्तदान करने वाला ?
                   किसने मालामाल किया,किसने निकाला दिवाला ?
  देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

              हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                             कौन है अमीरचंद की औलाद,कौन है फकीरचंद का पाला ?
                 किसने दीन-दुखियों को अपनाया,किसने है टाला ?
                              कौन है पेट फुलाकर सोया, किसने भूखे पेट वक्त निकाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

         हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                    किसने मोहमाया अपनाई,किसने सर्वस्व त्याग डाला ?
       कौन कहलाया अबला,कौन कहलाया सबला ?
               किसने बरसाए फूल,किसने चलाया भीषण भाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

       हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
      कौन है बहरूपिया,कौन है सच्ची शक्ल वाला ?
             किसने की 420-सी, किसने पहना 786 का बिल्ला ?
     कौन है मासूमों का सौदागर,कौन है रखवाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला.......






    



हे मानवों : सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला




            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
कौन है नासूर,कौन है नम्र-निराला  ?
           किसने सुमिरन किया,किसने मुख न खोला ?
 कौन है सत्य-साईं,कौन है झूठ बोला ?
 देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   किसने पुन्य किया,किसने पाप है पाला ?
   कौन है दाता दानी,कौन है लुटाने वाला ?
                          किसने ईमानदारी निभाई,किसने बेईमानी में हाथ डाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

          हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   कौन है अधम पाखंडी,कौन है धर्म वाला ?
                         किसने माता-पिता को सम्भाला,किसने घर से निकाला ?
  कौन है बेकसूर,कौन है गुनाहगार साला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
         किसने अमृत पिया,किसने विष का प्याला ?
         कौन है खुनी,कौन है रक्तदान करने वाला ?
                   किसने मालामाल किया,किसने निकाला दिवाला ?
  देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

              हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                             कौन है अमीरचंद की औलाद,कौन है फकीरचंद का पाला ?
                 किसने दीन-दुखियों को अपनाया,किसने है टाला ?
                              कौन है पेट फुलाकर सोया, किसने भूखे पेट वक्त निकाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

         हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                    किसने मोहमाया अपनाई,किसने सर्वस्व त्याग डाला ?
       कौन कहलाया अबला,कौन कहलाया सबला ?
               किसने बरसाए फूल,किसने चलाया भीषण भाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

       हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
      कौन है बहरूपिया,कौन है सच्ची शक्ल वाला ?
             किसने की 420-सी, किसने पहना 786 का बिल्ला ?
     कौन है मासूमों का सौदागर,कौन है रखवाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला.......






    



हे मानवों : सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला




            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
कौन है नासूर,कौन है नम्र-निराला  ?
           किसने सुमिरन किया,किसने मुख न खोला ?
 कौन है सत्य-साईं,कौन है झूठ बोला ?
 देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   किसने पुन्य किया,किसने पाप है पाला ?
   कौन है दाता दानी,कौन है लुटाने वाला ?
                          किसने ईमानदारी निभाई,किसने बेईमानी में हाथ डाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

          हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   कौन है अधम पाखंडी,कौन है धर्म वाला ?
                         किसने माता-पिता को सम्भाला,किसने घर से निकाला ?
  कौन है बेकसूर,कौन है गुनाहगार साला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
         किसने अमृत पिया,किसने विष का प्याला ?
         कौन है खुनी,कौन है रक्तदान करने वाला ?
                   किसने मालामाल किया,किसने निकाला दिवाला ?
  देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

              हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                             कौन है अमीरचंद की औलाद,कौन है फकीरचंद का पाला ?
                 किसने दीन-दुखियों को अपनाया,किसने है टाला ?
                              कौन है पेट फुलाकर सोया, किसने भूखे पेट वक्त निकाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

         हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                    किसने मोहमाया अपनाई,किसने सर्वस्व त्याग डाला ?
       कौन कहलाया अबला,कौन कहलाया सबला ?
               किसने बरसाए फूल,किसने चलाया भीषण भाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

       हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
      कौन है बहरूपिया,कौन है सच्ची शक्ल वाला ?
             किसने की 420-सी, किसने पहना 786 का बिल्ला ?
     कौन है मासूमों का सौदागर,कौन है रखवाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला.......






    



हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला...




            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
कौन है नासूर,कौन है नम्र-निराला  ?
           किसने सुमिरन किया,किसने मुख न खोला ?
 कौन है सत्य-साईं,कौन है झूठ बोला ?
 देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   किसने पुन्य किया,किसने पाप है पाला ?
   कौन है दाता दानी,कौन है लुटाने वाला ?
                          किसने ईमानदारी निभाई,किसने बेईमानी में हाथ डाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

          हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
   कौन है अधम पाखंडी,कौन है धर्म वाला ?
                         किसने माता-पिता को सम्भाला,किसने घर से निकाला ?
  कौन है बेकसूर,कौन है गुनाहगार साला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

            हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
         किसने अमृत पिया,किसने विष का प्याला ?
         कौन है खुनी,कौन है रक्तदान करने वाला ?
                   किसने मालामाल किया,किसने निकाला दिवाला ?
  देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

              हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                             कौन है अमीरचंद की औलाद,कौन है फकीरचंद का पाला ?
                 किसने दीन-दुखियों को अपनाया,किसने है टाला ?
                              कौन है पेट फुलाकर सोया, किसने भूखे पेट वक्त निकाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

         हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
                    किसने मोहमाया अपनाई,किसने सर्वस्व त्याग डाला ?
       कौन कहलाया अबला,कौन कहलाया सबला ?
               किसने बरसाए फूल,किसने चलाया भीषण भाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |

       हे मानवों ! सब्र करो कि करिश्मा है होने वाला,
      कौन है बहरूपिया,कौन है सच्ची शक्ल वाला ?
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     कौन है मासूमों का सौदागर,कौन है रखवाला ?
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला |
देख रहा है सब कुछ वो दीन - दयाला.......






    



Thursday, 21 April 2016

Children - Precious And Cute Gifts Of Almighty

Our Life Starts from infant and runs till death, between this period the first half of childhood lives with innocent style without any cheat and greed and second half with learning physical world. So far we never judge or assume about any random happenings but there are always uncertainty around us as we grow older and older.




When we become young and mingle completely in this chit chat world, we forget our cute smile and funny moments, we also miss those moments as we grow older and older. Why we came on earth ? What is the motto of life ? Why are we living ? From where we came? Those questions are sometime disturb our neurons and push our thinking towards nothing to worry just live your life the best way you can......

We all often consider our childhood journey is the best pilgrim of our life than rest of our life, people also say that children are the face of almighty and it is true but as we grow we become miss that face of god and often talk about among our family and friends. To remind all of you i am sharing this awesome and naughty video so you can connect yourself with childhood moments....... 



Children - Precious And Cute Gifts Of Almighty

Our Life Starts from infant and runs till death, between this period the first half of childhood lives with innocent style without any cheat and greed and second half with learning physical world. So far we never judge or assume about any random happenings but there are always uncertainty around us as we grow older and older.




When we become young and mingle completely in this chit chat world, we forget our cute smile and funny moments, we also miss those moments as we grow older and older. Why we came on earth ? What is the motto of life ? Why are we living ? From where we came? Those questions are sometime disturb our neurons and push our thinking towards nothing to worry just live your life the best way you can......

We all often consider our childhood journey is the best pilgrim of our life than rest of our life, people also say that children are the face of almighty and it is true but as we grow we become miss that face of god and often talk about among our family and friends. To remind all of you i am sharing this awesome and naughty video so you can connect yourself with childhood moments....... 



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When we become young and mingle completely in this chit chat world, we forget our cute smile and funny moments, we also miss those moments as we grow older and older. Why we came on earth ? What is the motto of life ? Why are we living ? From where we came? Those questions are sometime disturb our neurons and push our thinking towards nothing to worry just live your life the best way you can......

We all often consider our childhood journey is the best pilgrim of our life than rest of our life, people also say that children are the face of almighty and it is true but as we grow we become miss that face of god and often talk about among our family and friends. To remind all of you i am sharing this awesome and naughty video so you can connect yourself with childhood moments....... 



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When we become young and mingle completely in this chit chat world, we forget our cute smile and funny moments, we also miss those moments as we grow older and older. Why we came on earth ? What is the motto of life ? Why are we living ? From where we came? Those questions are sometime disturb our neurons and push our thinking towards nothing to worry just live your life the best way you can......

We all often consider our childhood journey is the best pilgrim of our life than rest of our life, people also say that children are the face of almighty and it is true but as we grow we become miss that face of god and often talk about among our family and friends. To remind all of you i am sharing this awesome and naughty video so you can connect yourself with childhood moments....... 


कातिल जवानी और भड़कते अरमान


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कश्मकश के इस दौर में,
जिंदगी की ख्वाइश कर ली |
तपते इस रेत के सेहरा में,
हमने इक छांव की गुजारिश कर ली |
तुम्हारे पहलू में आकर हमने,
फिर से,तुम्हे पाने की साज़िश कर ली |
इश्क के ज़र्रे जब से हमें लगे आजमाने,
हमने भी दिल्लगी की ख्वाइश कर ली |
तोड़ने के लिए गुलों का गुमान-ऐ-गुरुर,
शुलों से लहुलुहान होने की फरमाइश कर ली |
दीवानगी का सुरूर कुछ ऐसा छाया हम पर,
कि तमाम ज़िन्दगी राँझा-मजनू-सी लावारिस कर ली |

कातिल जवानी और भड़कते अरमान


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कश्मकश के इस दौर में,
जिंदगी की ख्वाइश कर ली |
तपते इस रेत के सेहरा में,
हमने इक छांव की गुजारिश कर ली |
तुम्हारे पहलू में आकर हमने,
फिर से,तुम्हे पाने की साज़िश कर ली |
इश्क के ज़र्रे जब से हमें लगे आजमाने,
हमने भी दिल्लगी की ख्वाइश कर ली |
तोड़ने के लिए गुलों का गुमान-ऐ-गुरुर,
शुलों से लहुलुहान होने की फरमाइश कर ली |
दीवानगी का सुरूर कुछ ऐसा छाया हम पर,
कि तमाम ज़िन्दगी राँझा-मजनू-सी लावारिस कर ली |

कातिल जवानी और भड़कते अरमान


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कश्मकश के इस दौर में,
जिंदगी की ख्वाइश कर ली |
तपते इस रेत के सेहरा में,
हमने इक छांव की गुजारिश कर ली |
तुम्हारे पहलू में आकर हमने,
फिर से,तुम्हे पाने की साज़िश कर ली |
इश्क के ज़र्रे जब से हमें लगे आजमाने,
हमने भी दिल्लगी की ख्वाइश कर ली |
तोड़ने के लिए गुलों का गुमान-ऐ-गुरुर,
शुलों से लहुलुहान होने की फरमाइश कर ली |
दीवानगी का सुरूर कुछ ऐसा छाया हम पर,
कि तमाम ज़िन्दगी राँझा-मजनू-सी लावारिस कर ली |

कातिल जवानी और भड़कते अरमान


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कश्मकश के इस दौर में,
जिंदगी की ख्वाइश कर ली |
तपते इस रेत के सेहरा में,
हमने इक छांव की गुजारिश कर ली |
तुम्हारे पहलू में आकर हमने,
फिर से,तुम्हे पाने की साज़िश कर ली |
इश्क के ज़र्रे जब से हमें लगे आजमाने,
हमने भी दिल्लगी की ख्वाइश कर ली |
तोड़ने के लिए गुलों का गुमान-ऐ-गुरुर,
शुलों से लहुलुहान होने की फरमाइश कर ली |
दीवानगी का सुरूर कुछ ऐसा छाया हम पर,
कि तमाम ज़िन्दगी राँझा-मजनू-सी लावारिस कर ली |

"कातिल जवानी और भड़कते अरमान"



कश्मकश के इस दौर में,
जिंदगी की ख्वाइश कर ली |
तपते इस रेत के सेहरा में,
हमने इक छांव की गुजारिश कर ली |
तुम्हारे पहलू में आकर हमने,
फिर से,तुम्हे पाने की साज़िश कर ली |
इश्क के ज़र्रे जब से हमें लगे आजमाने,
हमने भी दिल्लगी की ख्वाइश कर ली |
तोड़ने के लिए गुलों का गुमान-ऐ-गुरुर,
शुलों से लहुलुहान होने की फरमाइश कर ली |
दीवानगी का सुरूर कुछ ऐसा छाया हम पर,
कि तमाम ज़िन्दगी राँझा-मजनू-सी लावारिस कर ली |

Tuesday, 19 April 2016

कहाँ जाकर प्यास बुझाऊ मै


लेकर अपने सूखे कंठ को
किस दरिया किनारे जाऊं मै,
सूखे-सूखे इन होठों को बताओ,
कहाँ जाकर तरबतर कर आऊं मै |
देखकर पानी पर पापी पॉलिटिक्स,
मन ही नहीं, अरमान भी सुख गए मेरे,
समंदर कर दिया हवाले तुम्हारे,
फिर-भी बूंद-बूंद को तरसते है सारे,
गीली धरती को सुखा बना रहे है,
हो-हल्ला मचाकर, बस जता रहे है,
प्यासों की आँखों में आसुओं का सैलाब ला रहे है |
अनमोल का मोल लगाकर,
कुदरत के अमूल्य तोहफ़े को,
सरे-राह नीलाम कर रहे है,
अब तुही बता ऐ ग़ालिब.... 

“कहाँ जाकर प्यास बुझाऊ मै...??????”


कहाँ जाकर प्यास बुझाऊ मै


लेकर अपने सूखे कंठ को
किस दरिया किनारे जाऊं मै,
सूखे-सूखे इन होठों को बताओ,
कहाँ जाकर तरबतर कर आऊं मै |
देखकर पानी पर पापी पॉलिटिक्स,
मन ही नहीं, अरमान भी सुख गए मेरे,
समंदर कर दिया हवाले तुम्हारे,
फिर-भी बूंद-बूंद को तरसते है सारे,
गीली धरती को सुखा बना रहे है,
हो-हल्ला मचाकर, बस जता रहे है,
प्यासों की आँखों में आसुओं का सैलाब ला रहे है |
अनमोल का मोल लगाकर,
कुदरत के अमूल्य तोहफ़े को,
सरे-राह नीलाम कर रहे है,
अब तुही बता ऐ ग़ालिब.... 

“कहाँ जाकर प्यास बुझाऊ मै...??????”


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