Monday, 15 January 2018

अंगूरी भाभी उर्फ़ शिल्पा शिंदे ने मारी बाजी, जीता बिग बॉस सीजन 11


मुंबई। बिग बाॅस सीजन 11 को लेकर एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। जो लोग भाभी जी के फैन हैं वे दिल थामकर बैठ जाऐं। उनकी धड़कनें कुछ बढ़ने वाली हैं। जी हांए लोकप्रिय रियलिटी शो बिग बाॅस की सीजन 11 में शिल्पा शिंदे ने बाजी मार ली हैं उन्हें इस सीजन का बिग बॉस वीनर घोशित किया गया है। गौरतलब है कि बिग बाॅस काफी पुराना रियलिटी शो है। इसे अब तक कई बाॅलीवुड स्टार्स होस्ट कर चुके हैं। जिनमें अरशद वारसीए एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टीए महानायक अमिताभ बच्चन संजय दत्त फराह खान और सलमान खान जैसे सुपर स्टार्स के नाम शामिल हैं। 


कई लोग ऐसे हैं जो कि बिग बाॅस में आने के बाद सेलिब्रिटि बन गए हैं। बिग बाॅस में कंटेस्टेंट बनकर और बिग बाॅस के घर में एंट्री मिलने के साथ कुछ लोगों का नाम बना और उनकी पहचान बन गई तो कुछ लोगों को इस शो से कोई खास फर्क नहीं पड़ा। जब पूर्व बिग बॉस वीनर के बारे में जानकारी जुटाई गई तो कुछ इस तरह की बातें सामने आईं। शिल्पा शिंदे बिग बाॅस सीजन 11 में शिल्पा शिंदे की जीत हुई है। शिल्पा शिंदे को मुकाबला जीतने पर विनर के तौर पर 44 लाख रूपए की राशि कैश दी गई। शो के फिनाले तक पहुंचने के दौरान शिल्पा शिंदे का कड़ा सामना हिना खान के साथ हुआ था। इस शो के सीजन 11 में विकास गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे।

Sunday, 14 January 2018

मकर संक्रांति पर्व, सूर्य बदल देगा अपनी दिशा


औरंगाबाद। हिंदू धर्म के पंचांग को विज्ञान सम्मत और वातावरण से जुड़ाव रखने वाला कहा गया है। इस पंचांग के अनुसार जो व्रत, त्यौहार और पर्व दर्शाए या मनाए जाते हैं उनका पर्यावरण,प्रकृति और मानव से संबंध होता है। ऐसा ही एक पर्व है मकर संक्रांति, जो कि सूर्य के स्थति परिवर्तन और मौसम में शीत ऋतु के प्रभाव को लेकर मनाया जाता है। यूं तो यह पर्व तब मनाया जाता है जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। मगर मौजूदा समय में मकर संक्रांति के पर्व को अंग्रेजी कैलेंडर की दिनांक के अनुसार मनाने का चलन हो गया है हालांकि, तारीख के अनुसार भी मकर संक्रांति उसी दिन मनाई जाती है जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है। 

जिसे बेहद शुभ माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व को मनाने और पतंगबाजी करने के कारण कुछ लोग इस पर्व को 14 जनवरी को आयोजित किया जाना मान लेते हैं और आसमान में पतंगबाजी कर व तिल – गुड़ के लड्डू खाकर पर्व मनाते हैं. मगर ज्योतिषीय मान्यता है कि, जिस तिथि के अवसर पर सूर्योदय होता है पूरे दिन वही तिथि होती है भले ही सूर्योदय के आधे घंटे बाद भी तिथि बदल जाए मगर तिथि वही मानी जाती है जिसमें सूर्योदय होता है। दूसरी ओर ज्योतिषीय मान्यता है कि मकर संक्रांति के 15 घटी पहले के समय और बाद के समय को शुभ माना जाता है। यह पुण्यकाल होता है। ऐसे में लोग इस अवधि में स्नान, दान आदि करते हैं। 

इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति के समय में सूर्योदय होगा ऐसे में मकरसंक्रांति का समय 15 जनवरी माना जा रहा है लेकिन पुण्यकाल के चलते और अन्य मान्यताओं के चलते कुछ लोग मकर संक्रांति 14 जनवरी को भी मनाऐंगे। स्थान – स्थान के समय में आंशिक परिवर्तन होने के कारण कुछ पंचांग में 14 जनवरी को मकर संक्रांति की तिथि वर्णित है। मकर संक्रांति के पर्व पर मिट्टी के पात्र में चांवल की खिचड़ी, कुछ कच्चा खाद्यान्न, गाजर के कुछ टुकड़े, तिल – गुड़ से बने व्यंजन रखकर उनका दान करना पुण्यफलदायी माना जाता है। 

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने और सूर्य को अर्ध्य देने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन लोग नदियों, तीर्थों और पवित्र जलस्त्रोतों के समीप बने घाटों पर स्नान कर सूर्य को अर्ध्य प्रदान करते हैं और दान कर पुण्य कमाते हैं। गौरतलब है कि मकर संक्रांति के ही करीब पंजाबी समुदाय लोहड़ी पर्व मनाता है। असम में माघ बिहु मनाया जाता है। तो दूसरी ओर तमिलन में इस मौके पर पोंगल की खुशियां मनाई जाती हैं। ये पर्व नई फसल आने और समृद्धि व प्रसन्नता के साथ सभी के साथ जीवन जीने का प्रतीक हैं। मकर संक्रांति के बाद पौष अमावस्या के बाद माघ मास की शुरूआत होती है। यह बेहद पवित्र मास है। इस मास में साधु – संत और अन्य लोग स्नान, ध्यान व पूजन कर पुण्यलाभ प्राप्त करते हैं।
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