Saturday, 7 May 2016

Mothers Day-My heaven is only under your feet

MOM'S DAY MORE POETRY


Every relation moves away,
Every bonding breaks down,
But motherhood always sounds.
Existence of almighty is because of u,
Your blessing gives me universal view,
Life never seems living without you.
Mom, you are deepest in my heart beat,
Mom, you are dearest in my love sweet,
And for me, it’s a priceless gift.
Your presence makes me joyful,
Your absence makes me hurtful,
Your care makes universe meaningful.
Oh Mom, You teach fare relations,
Oh Mom, i feel sacred love and affections,
Oh Mom, You are best motherhood equations.
My heaven is only under your feet,
For me, your emotions are very neat,
Mom, don’t leave me ever in any hit.
         Happy Mother’s day to you dear Mom…..

Mothers Day-My heaven is only under your feet

MOM'S DAY MORE POETRY


Every relation moves away,
Every bonding breaks down,
But motherhood always sounds.
Existence of almighty is because of u,
Your blessing gives me universal view,
Life never seems living without you.
Mom, you are deepest in my heart beat,
Mom, you are dearest in my love sweet,
And for me, it’s a priceless gift.
Your presence makes me joyful,
Your absence makes me hurtful,
Your care makes universe meaningful.
Oh Mom, You teach fare relations,
Oh Mom, i feel sacred love and affections,
Oh Mom, You are best motherhood equations.
My heaven is only under your feet,
For me, your emotions are very neat,
Mom, don’t leave me ever in any hit.
         Happy Mother’s day to you dear Mom…..

Mothers Day-My heaven is only under your feet

MOM'S DAY MORE POETRY


Every relation moves away,
Every bonding breaks down,
But motherhood always sounds.
Existence of almighty is because of u,
Your blessing gives me universal view,
Life never seems living without you.
Mom, you are deepest in my heart beat,
Mom, you are dearest in my love sweet,
And for me, it’s a priceless gift.
Your presence makes me joyful,
Your absence makes me hurtful,
Your care makes universe meaningful.
Oh Mom, You teach fare relations,
Oh Mom, i feel sacred love and affections,
Oh Mom, You are best motherhood equations.
My heaven is only under your feet,
For me, your emotions are very neat,
Mom, don’t leave me ever in any hit.
         Happy Mother’s day to you dear Mom…..

Mothers Day-My heaven is only under your feet

MOM'S DAY MORE POETRY


Every relation moves away,
Every bonding breaks down,
But motherhood always sounds.
Existence of almighty is because of u,
Your blessing gives me universal view,
Life never seems living without you.
Mom, you are deepest in my heart beat,
Mom, you are dearest in my love sweet,
And for me, it’s a priceless gift.
Your presence makes me joyful,
Your absence makes me hurtful,
Your care makes universe meaningful.
Oh Mom, You teach fare relations,
Oh Mom, i feel sacred love and affections,
Oh Mom, You are best motherhood equations.
My heaven is only under your feet,
For me, your emotions are very neat,
Mom, don’t leave me ever in any hit.
         Happy Mother’s day to you dear Mom…..

Mother's Day-"My heaven is only under your feet"



Every relation moves away,
Every bonding breaks down,
But motherhood always sounds.
Existence of almighty is because of u,
Your blessing gives me universal view,
Life never seems living without you.
Mom, you are deepest in my heart beat,
Mom, you are dearest in my love sweet,
And for me, it’s a priceless gift.
Your presence makes me joyful,
Your absence makes me hurtful,
Your care makes universe meaningful.
Oh Mom, You teach fare relations,
Oh Mom, i feel sacred love and affections,
Oh Mom, You are best motherhood equations.
My heaven is only under your feet,
For me, your emotions are very neat,
Mom, don’t leave me ever in any hit.
         Happy Mother’s day to you dear Mom…..

Son and Daughter Day-मैंने माँ को देखा है


मैंने माँ को देखा है---
चिड़ियों की चहक में,
फूलों की महक में,
शोलों की दहक में,
ख़्वाबों की पलक में |
              मैंने माँ को देखा है----
              घटाओं की गरज में,
             जैसे रोशनी सूरज में,
             तिलमिलाती धुप में,
कभी बेटी,कभी बहन के रूप में |
मैंने माँ को देखा है -----
कंपकंपाती सर्द सर्दी में,
सरहद पर लड़ती वर्दी में,
गरीबी के गहरे गाँव में,
ठंडी-ठंडी छरहरी छाँव में |
मैंने माँ को देखा है-----
युद्ध के महा मैदान में,
जिन्दगी के इम्तहान में,
काबा--कुरान में,
देशभक्ति के गान में |
मैंने माँ को देखा है ----
उड़ते आकाशी परिंदों में,
शबनम की नन्ही-नन्ही बूंदों में,
वनवासी देवी सीता में,
भक्तों की श्रीमद भगवद गीता में |
मैंने माँ को देखा है---
ईसा मसीह बाइबिल में,
हर बेटे के दिल में,
हर आदमी के अदब में,
सिक्खों के कुरुग्रंथ साहेब में |
मैंने माँ को देखा है----
शिक्षा की शाला में,
गोधुली बेला में,
इन्द्रधनुष के रंगों में,
कुटुंब के क्रूर दंगों में |
मैंने माँ को देखा है----
माँ शारदे के सात स्वरों में,
राखी के रेशमी डोरों में,
मंदिर-मस्जिद के गलियारे में,
और चर्च-गुरुद्वारे में |
मैंने माँ को देखा है----
हरे-भरे खेत खलिहानों में,
बंजर खोफनाक विरानो में,
रोशन रब--जन्नत में,
अभिलाषी के आरजू--मन्नत में |
मैंने माँ को देखा है ---
मजदुर की मशक्कत-मेहनत में,
दरवेश की दुवा--दौलत में,
जर-जर दीवारों की दरारों में,
लहू से लहुलुहान वीरों में |
मैंने माँ को देखा है----
गिरते हुए झर-झर निर्झर में,
पावन गंगा की बहती लहर में,
आकाशी टिमटिमाते तारों में,
चंद्रमा के फिरते फेरों में |
मैंने माँ को देखा है---
हवाओं के बेश कीमती हार में,
प्रकृति के बेशुमार प्यार में,
उस एक पल की पुकार में,
मौत और जिन्दगी की मझधार में |
मैंने माँ को देखा है---

"Watch Emotional Video Of Mother And Child"





Son and Daughter Day-मैंने माँ को देखा है


मैंने माँ को देखा है---
चिड़ियों की चहक में,
फूलों की महक में,
शोलों की दहक में,
ख़्वाबों की पलक में |
              मैंने माँ को देखा है----
              घटाओं की गरज में,
             जैसे रोशनी सूरज में,
             तिलमिलाती धुप में,
कभी बेटी,कभी बहन के रूप में |
मैंने माँ को देखा है -----
कंपकंपाती सर्द सर्दी में,
सरहद पर लड़ती वर्दी में,
गरीबी के गहरे गाँव में,
ठंडी-ठंडी छरहरी छाँव में |
मैंने माँ को देखा है-----
युद्ध के महा मैदान में,
जिन्दगी के इम्तहान में,
काबा--कुरान में,
देशभक्ति के गान में |
मैंने माँ को देखा है ----
उड़ते आकाशी परिंदों में,
शबनम की नन्ही-नन्ही बूंदों में,
वनवासी देवी सीता में,
भक्तों की श्रीमद भगवद गीता में |
मैंने माँ को देखा है---
ईसा मसीह बाइबिल में,
हर बेटे के दिल में,
हर आदमी के अदब में,
सिक्खों के कुरुग्रंथ साहेब में |
मैंने माँ को देखा है----
शिक्षा की शाला में,
गोधुली बेला में,
इन्द्रधनुष के रंगों में,
कुटुंब के क्रूर दंगों में |
मैंने माँ को देखा है----
माँ शारदे के सात स्वरों में,
राखी के रेशमी डोरों में,
मंदिर-मस्जिद के गलियारे में,
और चर्च-गुरुद्वारे में |
मैंने माँ को देखा है----
हरे-भरे खेत खलिहानों में,
बंजर खोफनाक विरानो में,
रोशन रब--जन्नत में,
अभिलाषी के आरजू--मन्नत में |
मैंने माँ को देखा है ---
मजदुर की मशक्कत-मेहनत में,
दरवेश की दुवा--दौलत में,
जर-जर दीवारों की दरारों में,
लहू से लहुलुहान वीरों में |
मैंने माँ को देखा है----
गिरते हुए झर-झर निर्झर में,
पावन गंगा की बहती लहर में,
आकाशी टिमटिमाते तारों में,
चंद्रमा के फिरते फेरों में |
मैंने माँ को देखा है---
हवाओं के बेश कीमती हार में,
प्रकृति के बेशुमार प्यार में,
उस एक पल की पुकार में,
मौत और जिन्दगी की मझधार में |
मैंने माँ को देखा है---

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Son and Daughter Day-मैंने माँ को देखा है


मैंने माँ को देखा है---
चिड़ियों की चहक में,
फूलों की महक में,
शोलों की दहक में,
ख़्वाबों की पलक में |
              मैंने माँ को देखा है----
              घटाओं की गरज में,
             जैसे रोशनी सूरज में,
             तिलमिलाती धुप में,
कभी बेटी,कभी बहन के रूप में |
मैंने माँ को देखा है -----
कंपकंपाती सर्द सर्दी में,
सरहद पर लड़ती वर्दी में,
गरीबी के गहरे गाँव में,
ठंडी-ठंडी छरहरी छाँव में |
मैंने माँ को देखा है-----
युद्ध के महा मैदान में,
जिन्दगी के इम्तहान में,
काबा--कुरान में,
देशभक्ति के गान में |
मैंने माँ को देखा है ----
उड़ते आकाशी परिंदों में,
शबनम की नन्ही-नन्ही बूंदों में,
वनवासी देवी सीता में,
भक्तों की श्रीमद भगवद गीता में |
मैंने माँ को देखा है---
ईसा मसीह बाइबिल में,
हर बेटे के दिल में,
हर आदमी के अदब में,
सिक्खों के कुरुग्रंथ साहेब में |
मैंने माँ को देखा है----
शिक्षा की शाला में,
गोधुली बेला में,
इन्द्रधनुष के रंगों में,
कुटुंब के क्रूर दंगों में |
मैंने माँ को देखा है----
माँ शारदे के सात स्वरों में,
राखी के रेशमी डोरों में,
मंदिर-मस्जिद के गलियारे में,
और चर्च-गुरुद्वारे में |
मैंने माँ को देखा है----
हरे-भरे खेत खलिहानों में,
बंजर खोफनाक विरानो में,
रोशन रब--जन्नत में,
अभिलाषी के आरजू--मन्नत में |
मैंने माँ को देखा है ---
मजदुर की मशक्कत-मेहनत में,
दरवेश की दुवा--दौलत में,
जर-जर दीवारों की दरारों में,
लहू से लहुलुहान वीरों में |
मैंने माँ को देखा है----
गिरते हुए झर-झर निर्झर में,
पावन गंगा की बहती लहर में,
आकाशी टिमटिमाते तारों में,
चंद्रमा के फिरते फेरों में |
मैंने माँ को देखा है---
हवाओं के बेश कीमती हार में,
प्रकृति के बेशुमार प्यार में,
उस एक पल की पुकार में,
मौत और जिन्दगी की मझधार में |
मैंने माँ को देखा है---

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