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दीपावली पर हर घर साफ-सुथरा और दीपों की सजावट से चकाचौंध रहता है, हर इंसान नए-नए परिधान पहनता है और सभी को दिवाली की शुभ कामनाए देता है. लेकिन इन सब के अलावा जो जरुरी होता है वह है आपके चेहरे का चमकना-दमकना जो आपकी ख़ुशी और त्यौहार में चार चाँद लगा देता है. मैं आपको बताने जा रही हूँ कुछ घरेलु नुस्खे जो आपके चेहरे को लालिमा से भर देंगे।
आलू- आप एक आलू को घिसकर इसका जूस निकाल ले और फिर अपने अफ्फेक्टेड चेहरे पर 30 मिनट तक लगाकर रखे. आप ऐसा रोज लगभग एक महीने तक करें।
लेमन जूस- आप जानते है की लेमन जूस एक बहुत ही स्ट्रांग ब्लीचिंग एजेंट है इसलिए जिनकी स्किन सेंसिटिव हो वे इसका उपयोग ना करें। आप undiluted लेमन का जूस लेकर अपनी उँगलियों से मुहं पर घिसे, फिर इसको 15 मिनट तक रहने दे और बाद में धो लें. इससे चेहरे का कालापन दूर हो जाता है.
पपीता- पपीता स्कार और डार्क स्पॉट ख़त्म करने में काफी सहायक है. आप पपीते के छिलके को काटकर दही,बेसन,गुलाब जल,मुल्तानी मिटटी,शहद और हल्दी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाये। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दे और फिर धो लें.
इन उपायों को करने से आपका चेहरा चांदी सा दमकने लगेगा और पब्लिक कहेगी वाह-वाह क्या बात है !
दीपावली पर हर घर साफ-सुथरा और दीपों की सजावट से चकाचौंध रहता है, हर इंसान नए-नए परिधान पहनता है और सभी को दिवाली की शुभ कामनाए देता है. लेकिन इन सब के अलावा जो जरुरी होता है वह है आपके चेहरे का चमकना-दमकना जो आपकी ख़ुशी और त्यौहार में चार चाँद लगा देता है. मैं आपको बताने जा रही हूँ कुछ घरेलु नुस्खे जो आपके चेहरे को लालिमा से भर देंगे।
आलू- आप एक आलू को घिसकर इसका जूस निकाल ले और फिर अपने अफ्फेक्टेड चेहरे पर 30 मिनट तक लगाकर रखे. आप ऐसा रोज लगभग एक महीने तक करें।
लेमन जूस- आप जानते है की लेमन जूस एक बहुत ही स्ट्रांग ब्लीचिंग एजेंट है इसलिए जिनकी स्किन सेंसिटिव हो वे इसका उपयोग ना करें। आप undiluted लेमन का जूस लेकर अपनी उँगलियों से मुहं पर घिसे, फिर इसको 15 मिनट तक रहने दे और बाद में धो लें. इससे चेहरे का कालापन दूर हो जाता है.
पपीता- पपीता स्कार और डार्क स्पॉट ख़त्म करने में काफी सहायक है. आप पपीते के छिलके को काटकर दही,बेसन,गुलाब जल,मुल्तानी मिटटी,शहद और हल्दी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाये। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दे और फिर धो लें.
इन उपायों को करने से आपका चेहरा चांदी सा दमकने लगेगा और पब्लिक कहेगी वाह-वाह क्या बात है !
दीपावली पर हर घर साफ-सुथरा और दीपों की सजावट से चकाचौंध रहता है, हर इंसान नए-नए परिधान पहनता है और सभी को दिवाली की शुभ कामनाए देता है. लेकिन इन सब के अलावा जो जरुरी होता है वह है आपके चेहरे का चमकना-दमकना जो आपकी ख़ुशी और त्यौहार में चार चाँद लगा देता है. मैं आपको बताने जा रही हूँ कुछ घरेलु नुस्खे जो आपके चेहरे को लालिमा से भर देंगे।
आलू- आप एक आलू को घिसकर इसका जूस निकाल ले और फिर अपने अफ्फेक्टेड चेहरे पर 30 मिनट तक लगाकर रखे. आप ऐसा रोज लगभग एक महीने तक करें।
लेमन जूस- आप जानते है की लेमन जूस एक बहुत ही स्ट्रांग ब्लीचिंग एजेंट है इसलिए जिनकी स्किन सेंसिटिव हो वे इसका उपयोग ना करें। आप undiluted लेमन का जूस लेकर अपनी उँगलियों से मुहं पर घिसे, फिर इसको 15 मिनट तक रहने दे और बाद में धो लें. इससे चेहरे का कालापन दूर हो जाता है.
पपीता- पपीता स्कार और डार्क स्पॉट ख़त्म करने में काफी सहायक है. आप पपीते के छिलके को काटकर दही,बेसन,गुलाब जल,मुल्तानी मिटटी,शहद और हल्दी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाये। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दे और फिर धो लें.
इन उपायों को करने से आपका चेहरा चांदी सा दमकने लगेगा और पब्लिक कहेगी वाह-वाह क्या बात है !
मुझे याद आती है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की “अंधा क़ानून” फिल्म जो कि सन 1983 में बनी थी | इस फिल्म की स्टोरी पूर्ण रूप से देश के घिसे-पिटे अंग्रेजी क़ानून पर आधारित थी, जिसमे क़ानून के झूट और फरैबी मुखोटों का चित्रण बहुत ही बेहतरीन ढंग से निर्देशक टी. रामा राव के निर्देशन में किया गया है | जो अन्याय इस फिल्म में बिग बी और आम जनता के साथ होता है ठीक वैसा ही परिदृश्य आज के अंधे-क़ानून में देखने को मिलता है |
भारतीय क़ानून व्यवस्था आज उस गिरगिट की तरह हो गई है जो जुर्म को नहीं वरन जुर्मकर्ता को देखकर रंग बदल लेती है | देश में जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तलक सभी क़ानून के रखवाले और ठेकेदार सब के सब कानूनी सिस्टम के साथ जब चाहे जैसे चाहे और जितनी चाहे छेड़खानी कर रहे है | गौर करने वाली बात यह है कि क़ानून के एक ही नियम में जनता और जुर्म को लेकर इतनी विविधता और विषमताएं क्यूँ है ? देश का क़ानून तो “सर्वजन हिताय” पर आधारित होना चाहिए फिर वही पुराना घिसा-पिता अंग्रेजी क़ानून भारत की जनता क्यूँ ढो रही है ?
वर्तमान परिवेश और व्यवस्थाओं पर आधारित क़ानून क्यूँ नहीं बनाए जाते ? भारतीय क़ानून को लेकर बात चाहे बाबरी मस्जिद की हो या संजू बाबा उर्फ़ संजय दत्त जैसे दादा आदमी या फिर दबंग सलमान खान के अमानवीय जुर्म की कहानी, सब कुछ मालुम होते हुए भी इन केसेस को दस-दस, बीस-बीस साल तक खीचा जाता है और अंत में जब सजा की बात आती है तो बेल रूपी शब्द के साथ छोड़ दिया जाता है, वहीँ दूसरी तरफ कोई आम आदमी मने देश का मेंगो मेन अगर एक छोटा-सा भी जुर्म करता है तो सजा तुरंत मिल जाती है और बेल के नाम पर बाबाजी का ठुल्लू मिलता है |
Source- jaipal rastogi
भारतीय क़ानून में इतनी असमानताएं और भेदभाव क्या सिर्फ धन और वैभव के आधार पर है ? वास्तव में क़ानून में बदलाव लाने की अति आवश्यकता है | एक और अहम् पहलू कसाब जैसे आतंकवादी को ये जानते हुए भी कि वह सर्वमान्य गुनाहगार है, सालों सलाखों के पीछे रखना और अंत में मार देना, भारतीय दंड सहिंता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है | दूसरी तरफ आशाराम बापू जैसे बुजुर्ग संत जो कि इंडियन सोसाइटी के लिए धूर्त साबित हो चूके है, बेल की आस में क़ानून पर छिटाकशी कर रहे है जो बिलकुल सो टका जायज है |
यह तो महज सतही क़ानून की सच्चाई है, अन्दर की बात तो यह है कि आज भी छोटी-बड़ी देश की सभी अदालतों में हजारों केसेस पेंडिंग पड़े है, इन केसेस का कोई माई-बाप ही नहीं है | ऐसे में हम क़ानून पर कैसे भरोसा करें और न्याय रूपी शब्द के नाद से खुद को समझाते रहें | भारतीय क़ानून इंडियन सोसाइटी में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए होता है ना कि सोसाइटी में भेदभाव और अनैतिकता लाने के लिए | भारतीय क़ानून व्यवस्था सब के लिए समान हो, सुचारू रूप से नैतिक हो और “सर्वजन हिताय” हो, जिससे इसकी कार्य प्रणाली और न्याय करने की निति पर कोई दाग न लगे और कोई उंगली न उठाये, तभी हम दुनिया में कानूनी तौर पर स्वतंत्र और भिन्न कहलायेंगे |
मुझे याद आती है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की “अंधा क़ानून” फिल्म जो कि सन 1983 में बनी थी | इस फिल्म की स्टोरी पूर्ण रूप से देश के घिसे-पिटे अंग्रेजी क़ानून पर आधारित थी, जिसमे क़ानून के झूट और फरैबी मुखोटों का चित्रण बहुत ही बेहतरीन ढंग से निर्देशक टी. रामा राव के निर्देशन में किया गया है | जो अन्याय इस फिल्म में बिग बी और आम जनता के साथ होता है ठीक वैसा ही परिदृश्य आज के अंधे-क़ानून में देखने को मिलता है |
भारतीय क़ानून व्यवस्था आज उस गिरगिट की तरह हो गई है जो जुर्म को नहीं वरन जुर्मकर्ता को देखकर रंग बदल लेती है | देश में जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तलक सभी क़ानून के रखवाले और ठेकेदार सब के सब कानूनी सिस्टम के साथ जब चाहे जैसे चाहे और जितनी चाहे छेड़खानी कर रहे है | गौर करने वाली बात यह है कि क़ानून के एक ही नियम में जनता और जुर्म को लेकर इतनी विविधता और विषमताएं क्यूँ है ? देश का क़ानून तो “सर्वजन हिताय” पर आधारित होना चाहिए फिर वही पुराना घिसा-पिता अंग्रेजी क़ानून भारत की जनता क्यूँ ढो रही है ?
वर्तमान परिवेश और व्यवस्थाओं पर आधारित क़ानून क्यूँ नहीं बनाए जाते ? भारतीय क़ानून को लेकर बात चाहे बाबरी मस्जिद की हो या संजू बाबा उर्फ़ संजय दत्त जैसे दादा आदमी या फिर दबंग सलमान खान के अमानवीय जुर्म की कहानी, सब कुछ मालुम होते हुए भी इन केसेस को दस-दस, बीस-बीस साल तक खीचा जाता है और अंत में जब सजा की बात आती है तो बेल रूपी शब्द के साथ छोड़ दिया जाता है, वहीँ दूसरी तरफ कोई आम आदमी मने देश का मेंगो मेन अगर एक छोटा-सा भी जुर्म करता है तो सजा तुरंत मिल जाती है और बेल के नाम पर बाबाजी का ठुल्लू मिलता है |
Source- jaipal rastogi
भारतीय क़ानून में इतनी असमानताएं और भेदभाव क्या सिर्फ धन और वैभव के आधार पर है ? वास्तव में क़ानून में बदलाव लाने की अति आवश्यकता है | एक और अहम् पहलू कसाब जैसे आतंकवादी को ये जानते हुए भी कि वह सर्वमान्य गुनाहगार है, सालों सलाखों के पीछे रखना और अंत में मार देना, भारतीय दंड सहिंता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है | दूसरी तरफ आशाराम बापू जैसे बुजुर्ग संत जो कि इंडियन सोसाइटी के लिए धूर्त साबित हो चूके है, बेल की आस में क़ानून पर छिटाकशी कर रहे है जो बिलकुल सो टका जायज है |
यह तो महज सतही क़ानून की सच्चाई है, अन्दर की बात तो यह है कि आज भी छोटी-बड़ी देश की सभी अदालतों में हजारों केसेस पेंडिंग पड़े है, इन केसेस का कोई माई-बाप ही नहीं है | ऐसे में हम क़ानून पर कैसे भरोसा करें और न्याय रूपी शब्द के नाद से खुद को समझाते रहें | भारतीय क़ानून इंडियन सोसाइटी में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए होता है ना कि सोसाइटी में भेदभाव और अनैतिकता लाने के लिए | भारतीय क़ानून व्यवस्था सब के लिए समान हो, सुचारू रूप से नैतिक हो और “सर्वजन हिताय” हो, जिससे इसकी कार्य प्रणाली और न्याय करने की निति पर कोई दाग न लगे और कोई उंगली न उठाये, तभी हम दुनिया में कानूनी तौर पर स्वतंत्र और भिन्न कहलायेंगे |
मुझे याद आती है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की “अंधा क़ानून” फिल्म जो कि सन 1983 में बनी थी | इस फिल्म की स्टोरी पूर्ण रूप से देश के घिसे-पिटे अंग्रेजी क़ानून पर आधारित थी, जिसमे क़ानून के झूट और फरैबी मुखोटों का चित्रण बहुत ही बेहतरीन ढंग से निर्देशक टी. रामा राव के निर्देशन में किया गया है | जो अन्याय इस फिल्म में बिग बी और आम जनता के साथ होता है ठीक वैसा ही परिदृश्य आज के अंधे-क़ानून में देखने को मिलता है |
भारतीय क़ानून व्यवस्था आज उस गिरगिट की तरह हो गई है जो जुर्म को नहीं वरन जुर्मकर्ता को देखकर रंग बदल लेती है | देश में जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तलक सभी क़ानून के रखवाले और ठेकेदार सब के सब कानूनी सिस्टम के साथ जब चाहे जैसे चाहे और जितनी चाहे छेड़खानी कर रहे है | गौर करने वाली बात यह है कि क़ानून के एक ही नियम में जनता और जुर्म को लेकर इतनी विविधता और विषमताएं क्यूँ है ? देश का क़ानून तो “सर्वजन हिताय” पर आधारित होना चाहिए फिर वही पुराना घिसा-पिता अंग्रेजी क़ानून भारत की जनता क्यूँ ढो रही है ?
वर्तमान परिवेश और व्यवस्थाओं पर आधारित क़ानून क्यूँ नहीं बनाए जाते ? भारतीय क़ानून को लेकर बात चाहे बाबरी मस्जिद की हो या संजू बाबा उर्फ़ संजय दत्त जैसे दादा आदमी या फिर दबंग सलमान खान के अमानवीय जुर्म की कहानी, सब कुछ मालुम होते हुए भी इन केसेस को दस-दस, बीस-बीस साल तक खीचा जाता है और अंत में जब सजा की बात आती है तो बेल रूपी शब्द के साथ छोड़ दिया जाता है, वहीँ दूसरी तरफ कोई आम आदमी मने देश का मेंगो मेन अगर एक छोटा-सा भी जुर्म करता है तो सजा तुरंत मिल जाती है और बेल के नाम पर बाबाजी का ठुल्लू मिलता है |
Source- jaipal rastogi
भारतीय क़ानून में इतनी असमानताएं और भेदभाव क्या सिर्फ धन और वैभव के आधार पर है ? वास्तव में क़ानून में बदलाव लाने की अति आवश्यकता है | एक और अहम् पहलू कसाब जैसे आतंकवादी को ये जानते हुए भी कि वह सर्वमान्य गुनाहगार है, सालों सलाखों के पीछे रखना और अंत में मार देना, भारतीय दंड सहिंता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है | दूसरी तरफ आशाराम बापू जैसे बुजुर्ग संत जो कि इंडियन सोसाइटी के लिए धूर्त साबित हो चूके है, बेल की आस में क़ानून पर छिटाकशी कर रहे है जो बिलकुल सो टका जायज है |
यह तो महज सतही क़ानून की सच्चाई है, अन्दर की बात तो यह है कि आज भी छोटी-बड़ी देश की सभी अदालतों में हजारों केसेस पेंडिंग पड़े है, इन केसेस का कोई माई-बाप ही नहीं है | ऐसे में हम क़ानून पर कैसे भरोसा करें और न्याय रूपी शब्द के नाद से खुद को समझाते रहें | भारतीय क़ानून इंडियन सोसाइटी में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए होता है ना कि सोसाइटी में भेदभाव और अनैतिकता लाने के लिए | भारतीय क़ानून व्यवस्था सब के लिए समान हो, सुचारू रूप से नैतिक हो और “सर्वजन हिताय” हो, जिससे इसकी कार्य प्रणाली और न्याय करने की निति पर कोई दाग न लगे और कोई उंगली न उठाये, तभी हम दुनिया में कानूनी तौर पर स्वतंत्र और भिन्न कहलायेंगे |
रणबीर कपूर की “ए दिल है मुश्किल फिल्म की राहे अब आसन होती जा रही है | फिल्म का प्रमोशन भी जोरो शोरों से किया जा रहा है | उल्लेखनीय है की रणबीर ने इस फिल्म के प्रमोशन में अपनी जी जान लगा दी है | रणबीर की लगभग तीन – चार फिल्में असफल हो गई है और वे हाशिये पर जा चुके है | इसमे कोई दो राय नहीं कि अपने समकालिन सफलतम्र रणबीर सिंह से वो ज्यादा एक्टिंग स्कील्ड के धनी है |
पर असफलता और प्रेमिका की मार ने उन्हें रणबीर सिंह से पीछे धकेल दिया है | फिल्म के गाने हिट हो चुके है...और हर T.V सीरियल्स रणबीर कपूर के जैसे सपोर्ट में खड़ा दिख रहा है | एक बार फिर कहना पड़ेगा कि जब रणबीर झलक के शौ में लिपसिंग करते दिखते है | एक बानगी वो पूरा समा बांध देते है उनकी आखो से बहते आसू और भावना प्रधान चेहरा उनको स्वत: ही अपने दादा राज कपूर का वारिस घोषित करते है | अच्छे – अच्छे एक्टर भी उस घड़ी में रणबीर कपूर के आसन–पासन में नहीं लगते | झलक की अनटेलेंटेड जज जैक्लीन को प्रतिभागियों को जजमेंट देने के लिये इंटेलेक्चुअल रणबीर से गाईडेंस जरुर लेना चाहिये |
Video Source- Fox Star Hindi
इसी प्रकार से शिल्पा के शौ सुपर डांसर में रणबीर की एक्टिंग के जौहर व जमीन से जुड़े संजीदा अभिनय के लोग कायल होने से नहीं रह पाए | इसमे ये स्पष्ट तो होता है की रणबीर कपूर ने इस बार भी “ए दिल है मुश्किल” में अपने अभिनय की छाप छोड़ी होगी | “ए दिल का ट्रेलर देखकर लगता है की फिल्म सफलता के झंडे गाड़ेगी लेकिन ट्रेलर में एक बात बड़ी मजेदार बन पडी है की अनुष्का की तुलना में ऐश्वर्या ज्यादा खुबशुरत एण्ड यंग लग रही है ऐश रणबीर से रोमांस करती ज्यादा हॉट एंड सेक्सी लगती है साथ ही आज के दौर की सुपरस्टार आभिनेत्रियो को कोम्प्लेक्स भी दे रही है | अब देखते है करण जौहर,रणबीर कपूर, ऐश्वर्या बच्चन अनुष्का शर्मा की जोड़ी हजारो विरोध के बाद क्या सफलता का गुल खिला पाएगी...? “ए दिल है मुश्किल”पर नामुमकिन नहीं | Related Article- Kishor kumar death anniversary: किशोर दा ने क्यों की थी चार शादियाँ? Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा Bigg Boss Season 10: बिग बॉस की माँ की आँख-सलमान
रणबीर कपूर की “ए दिल है मुश्किल फिल्म की राहे अब आसन होती जा रही है | फिल्म का प्रमोशन भी जोरो शोरों से किया जा रहा है | उल्लेखनीय है की रणबीर ने इस फिल्म के प्रमोशन में अपनी जी जान लगा दी है | रणबीर की लगभग तीन – चार फिल्में असफल हो गई है और वे हाशिये पर जा चुके है | इसमे कोई दो राय नहीं कि अपने समकालिन सफलतम्र रणबीर सिंह से वो ज्यादा एक्टिंग स्कील्ड के धनी है |
पर असफलता और प्रेमिका की मार ने उन्हें रणबीर सिंह से पीछे धकेल दिया है | फिल्म के गाने हिट हो चुके है...और हर T.V सीरियल्स रणबीर कपूर के जैसे सपोर्ट में खड़ा दिख रहा है | एक बार फिर कहना पड़ेगा कि जब रणबीर झलक के शौ में लिपसिंग करते दिखते है | एक बानगी वो पूरा समा बांध देते है उनकी आखो से बहते आसू और भावना प्रधान चेहरा उनको स्वत: ही अपने दादा राज कपूर का वारिस घोषित करते है | अच्छे – अच्छे एक्टर भी उस घड़ी में रणबीर कपूर के आसन–पासन में नहीं लगते | झलक की अनटेलेंटेड जज जैक्लीन को प्रतिभागियों को जजमेंट देने के लिये इंटेलेक्चुअल रणबीर से गाईडेंस जरुर लेना चाहिये |
Video Source- Fox Star Hindi
इसी प्रकार से शिल्पा के शौ सुपर डांसर में रणबीर की एक्टिंग के जौहर व जमीन से जुड़े संजीदा अभिनय के लोग कायल होने से नहीं रह पाए | इसमे ये स्पष्ट तो होता है की रणबीर कपूर ने इस बार भी “ए दिल है मुश्किल” में अपने अभिनय की छाप छोड़ी होगी | “ए दिल का ट्रेलर देखकर लगता है की फिल्म सफलता के झंडे गाड़ेगी लेकिन ट्रेलर में एक बात बड़ी मजेदार बन पडी है की अनुष्का की तुलना में ऐश्वर्या ज्यादा खुबशुरत एण्ड यंग लग रही है ऐश रणबीर से रोमांस करती ज्यादा हॉट एंड सेक्सी लगती है साथ ही आज के दौर की सुपरस्टार आभिनेत्रियो को कोम्प्लेक्स भी दे रही है | अब देखते है करण जौहर,रणबीर कपूर, ऐश्वर्या बच्चन अनुष्का शर्मा की जोड़ी हजारो विरोध के बाद क्या सफलता का गुल खिला पाएगी...? “ए दिल है मुश्किल”पर नामुमकिन नहीं | Related Article- Kishor kumar death anniversary: किशोर दा ने क्यों की थी चार शादियाँ? Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा Bigg Boss Season 10: बिग बॉस की माँ की आँख-सलमान
रणबीर कपूर की “ए दिल है मुश्किल फिल्म की राहे अब आसन होती जा रही है | फिल्म का प्रमोशन भी जोरो शोरों से किया जा रहा है | उल्लेखनीय है की रणबीर ने इस फिल्म के प्रमोशन में अपनी जी जान लगा दी है | रणबीर की लगभग तीन – चार फिल्में असफल हो गई है और वे हाशिये पर जा चुके है | इसमे कोई दो राय नहीं कि अपने समकालिन सफलतम्र रणबीर सिंह से वो ज्यादा एक्टिंग स्कील्ड के धनी है |
पर असफलता और प्रेमिका की मार ने उन्हें रणबीर सिंह से पीछे धकेल दिया है | फिल्म के गाने हिट हो चुके है...और हर T.V सीरियल्स रणबीर कपूर के जैसे सपोर्ट में खड़ा दिख रहा है | एक बार फिर कहना पड़ेगा कि जब रणबीर झलक के शौ में लिपसिंग करते दिखते है | एक बानगी वो पूरा समा बांध देते है उनकी आखो से बहते आसू और भावना प्रधान चेहरा उनको स्वत: ही अपने दादा राज कपूर का वारिस घोषित करते है | अच्छे – अच्छे एक्टर भी उस घड़ी में रणबीर कपूर के आसन–पासन में नहीं लगते | झलक की अनटेलेंटेड जज जैक्लीन को प्रतिभागियों को जजमेंट देने के लिये इंटेलेक्चुअल रणबीर से गाईडेंस जरुर लेना चाहिये |
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इसी प्रकार से शिल्पा के शौ सुपर डांसर में रणबीर की एक्टिंग के जौहर व जमीन से जुड़े संजीदा अभिनय के लोग कायल होने से नहीं रह पाए | इसमे ये स्पष्ट तो होता है की रणबीर कपूर ने इस बार भी “ए दिल है मुश्किल” में अपने अभिनय की छाप छोड़ी होगी | “ए दिल का ट्रेलर देखकर लगता है की फिल्म सफलता के झंडे गाड़ेगी लेकिन ट्रेलर में एक बात बड़ी मजेदार बन पडी है की अनुष्का की तुलना में ऐश्वर्या ज्यादा खुबशुरत एण्ड यंग लग रही है ऐश रणबीर से रोमांस करती ज्यादा हॉट एंड सेक्सी लगती है साथ ही आज के दौर की सुपरस्टार आभिनेत्रियो को कोम्प्लेक्स भी दे रही है | अब देखते है करण जौहर,रणबीर कपूर, ऐश्वर्या बच्चन अनुष्का शर्मा की जोड़ी हजारो विरोध के बाद क्या सफलता का गुल खिला पाएगी...? “ए दिल है मुश्किल”पर नामुमकिन नहीं | Related Article- Kishor kumar death anniversary: किशोर दा ने क्यों की थी चार शादियाँ? Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा Bigg Boss Season 10: बिग बॉस की माँ की आँख-सलमान
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, हो सकता है कि वेब दुनिया में आपके द्वारा की जा रही खरीदारी पर हैकरों की नज़र हो. और हो सकता है कि हैकर आपके द्वारा की जा रही ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आपके क्रेडिट कार्ड का डेटा चुरा रहे हों. एक शोध से पता चला है कि ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग 6000 वेब शॉप साइटें आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं. डच डेवलपर विलियम डी ग्रूट ने बताया कि आपका क्रेडिट कार्ड का कोड साइबर चोर द्वारा साइटों पर डाला जाता है.
उन्होंने जांच में पाया कि लगभग 5925 ऐसी वेब साइट हैं. उन्होंने कहा कि कुछ चोरी किए गए डेटा रूस सर्वर से भेजे गए थे. डी ग्रूट डच इ कॉमर्स साइट बाइट डॉट एनएल के सहसंस्थापक हैं. उन्होंने ब्लॉगस्पॉट में कहा कि हैकर सबसे अधिक उपयोग की जानेवाली साइटों को अपना निशाना बनाते हैं. वे जब उन वेबसाइटों में अपना रास्ता बना लेते हैं उसके बाद वे उन साइटों से आपकी क्रेडिट कार्ड और दूसरी लेनदेन की जानकारियां चुरा लेते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उस चोरी किए गए डेटा प्रति कार्ड 30 डॉलर के हिसाब से डार्क वेब मार्केट बेच देते हैं. उन्होंने शोध में चोरी किए गए नौ अलग-अलग कोड्स का पता लगाया, जिसमें कई अलग-अलग हैकर समूह शामिल पाए गए. डी ग्रूट ने बताया कि वे तभी से हैकरों की जांच पड़ताल में लगे थे जबसे उनके कार्ड की जानकारियां चोरी हुईं थी.
अगर ग्रूट के काम पर नजर डालें तो लगता है कि उन्होंने 2015 के अंत में हैकरों की जांच की शुरुआत की, लेकिन असल में उन्होंने मई 2015 में शोध शुरू कर दिया था. उसी वर्ष के अंत तक लगभग 3500 से अधिक साइटों के बारे में पता चल गया था. उसके बाद लगातार जारी जांच में डी ग्रूट ने 18 महीनों में ऐसी 5,925 साइटों का पता लगाया. हैकरों के चंगुल में कार निर्माता, फैशन कंपनियां, सरकारी साइटें और संग्रहालय शामिल थे. फिलहाल, डेटा चोरी होने के नए मामले अभी नहीं आ रहे हैं.क्योंकि अब स्टोर मालिक अपने सॉफ्टवेयर नियमित रूप से अपडेट कर रहे हैं.
डी ग्रूट ने लिखते हैं कि यह एक महंगा मामला है और हर दुकानदार इसे नजरअंदाज भी कर देता है. डी ग्रूट बताते हैं कि कंपनियों की लिस्ट जारी करने के बाद कुछ स्टोर ने इसे संजीदगी से लिया है. ग्रूट ने हमारे संवाददाता को बताया कि मैं ग्राहकों से कहना चाहता हूं कि वे जब भी खरीददारी करें तो जानीमानी साइट जैसे पेपल पर ही विश्वास करें. जहां 100 से अधिक लोग सिर्फ वहां पर साइट और आपके द्वारा दी जा रही सूचना की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. BY- Rajat Nagda Medical Student,Indore
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, हो सकता है कि वेब दुनिया में आपके द्वारा की जा रही खरीदारी पर हैकरों की नज़र हो. और हो सकता है कि हैकर आपके द्वारा की जा रही ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आपके क्रेडिट कार्ड का डेटा चुरा रहे हों. एक शोध से पता चला है कि ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग 6000 वेब शॉप साइटें आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं. डच डेवलपर विलियम डी ग्रूट ने बताया कि आपका क्रेडिट कार्ड का कोड साइबर चोर द्वारा साइटों पर डाला जाता है.
उन्होंने जांच में पाया कि लगभग 5925 ऐसी वेब साइट हैं. उन्होंने कहा कि कुछ चोरी किए गए डेटा रूस सर्वर से भेजे गए थे. डी ग्रूट डच इ कॉमर्स साइट बाइट डॉट एनएल के सहसंस्थापक हैं. उन्होंने ब्लॉगस्पॉट में कहा कि हैकर सबसे अधिक उपयोग की जानेवाली साइटों को अपना निशाना बनाते हैं. वे जब उन वेबसाइटों में अपना रास्ता बना लेते हैं उसके बाद वे उन साइटों से आपकी क्रेडिट कार्ड और दूसरी लेनदेन की जानकारियां चुरा लेते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उस चोरी किए गए डेटा प्रति कार्ड 30 डॉलर के हिसाब से डार्क वेब मार्केट बेच देते हैं. उन्होंने शोध में चोरी किए गए नौ अलग-अलग कोड्स का पता लगाया, जिसमें कई अलग-अलग हैकर समूह शामिल पाए गए. डी ग्रूट ने बताया कि वे तभी से हैकरों की जांच पड़ताल में लगे थे जबसे उनके कार्ड की जानकारियां चोरी हुईं थी.
अगर ग्रूट के काम पर नजर डालें तो लगता है कि उन्होंने 2015 के अंत में हैकरों की जांच की शुरुआत की, लेकिन असल में उन्होंने मई 2015 में शोध शुरू कर दिया था. उसी वर्ष के अंत तक लगभग 3500 से अधिक साइटों के बारे में पता चल गया था. उसके बाद लगातार जारी जांच में डी ग्रूट ने 18 महीनों में ऐसी 5,925 साइटों का पता लगाया. हैकरों के चंगुल में कार निर्माता, फैशन कंपनियां, सरकारी साइटें और संग्रहालय शामिल थे. फिलहाल, डेटा चोरी होने के नए मामले अभी नहीं आ रहे हैं.क्योंकि अब स्टोर मालिक अपने सॉफ्टवेयर नियमित रूप से अपडेट कर रहे हैं.
डी ग्रूट ने लिखते हैं कि यह एक महंगा मामला है और हर दुकानदार इसे नजरअंदाज भी कर देता है. डी ग्रूट बताते हैं कि कंपनियों की लिस्ट जारी करने के बाद कुछ स्टोर ने इसे संजीदगी से लिया है. ग्रूट ने हमारे संवाददाता को बताया कि मैं ग्राहकों से कहना चाहता हूं कि वे जब भी खरीददारी करें तो जानीमानी साइट जैसे पेपल पर ही विश्वास करें. जहां 100 से अधिक लोग सिर्फ वहां पर साइट और आपके द्वारा दी जा रही सूचना की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. BY- Rajat Nagda Medical Student,Indore
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, हो सकता है कि वेब दुनिया में आपके द्वारा की जा रही खरीदारी पर हैकरों की नज़र हो. और हो सकता है कि हैकर आपके द्वारा की जा रही ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आपके क्रेडिट कार्ड का डेटा चुरा रहे हों. एक शोध से पता चला है कि ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग 6000 वेब शॉप साइटें आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं. डच डेवलपर विलियम डी ग्रूट ने बताया कि आपका क्रेडिट कार्ड का कोड साइबर चोर द्वारा साइटों पर डाला जाता है.
उन्होंने जांच में पाया कि लगभग 5925 ऐसी वेब साइट हैं. उन्होंने कहा कि कुछ चोरी किए गए डेटा रूस सर्वर से भेजे गए थे. डी ग्रूट डच इ कॉमर्स साइट बाइट डॉट एनएल के सहसंस्थापक हैं. उन्होंने ब्लॉगस्पॉट में कहा कि हैकर सबसे अधिक उपयोग की जानेवाली साइटों को अपना निशाना बनाते हैं. वे जब उन वेबसाइटों में अपना रास्ता बना लेते हैं उसके बाद वे उन साइटों से आपकी क्रेडिट कार्ड और दूसरी लेनदेन की जानकारियां चुरा लेते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उस चोरी किए गए डेटा प्रति कार्ड 30 डॉलर के हिसाब से डार्क वेब मार्केट बेच देते हैं. उन्होंने शोध में चोरी किए गए नौ अलग-अलग कोड्स का पता लगाया, जिसमें कई अलग-अलग हैकर समूह शामिल पाए गए. डी ग्रूट ने बताया कि वे तभी से हैकरों की जांच पड़ताल में लगे थे जबसे उनके कार्ड की जानकारियां चोरी हुईं थी.
अगर ग्रूट के काम पर नजर डालें तो लगता है कि उन्होंने 2015 के अंत में हैकरों की जांच की शुरुआत की, लेकिन असल में उन्होंने मई 2015 में शोध शुरू कर दिया था. उसी वर्ष के अंत तक लगभग 3500 से अधिक साइटों के बारे में पता चल गया था. उसके बाद लगातार जारी जांच में डी ग्रूट ने 18 महीनों में ऐसी 5,925 साइटों का पता लगाया. हैकरों के चंगुल में कार निर्माता, फैशन कंपनियां, सरकारी साइटें और संग्रहालय शामिल थे. फिलहाल, डेटा चोरी होने के नए मामले अभी नहीं आ रहे हैं.क्योंकि अब स्टोर मालिक अपने सॉफ्टवेयर नियमित रूप से अपडेट कर रहे हैं.
डी ग्रूट ने लिखते हैं कि यह एक महंगा मामला है और हर दुकानदार इसे नजरअंदाज भी कर देता है. डी ग्रूट बताते हैं कि कंपनियों की लिस्ट जारी करने के बाद कुछ स्टोर ने इसे संजीदगी से लिया है. ग्रूट ने हमारे संवाददाता को बताया कि मैं ग्राहकों से कहना चाहता हूं कि वे जब भी खरीददारी करें तो जानीमानी साइट जैसे पेपल पर ही विश्वास करें. जहां 100 से अधिक लोग सिर्फ वहां पर साइट और आपके द्वारा दी जा रही सूचना की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. BY- Rajat Nagda Medical Student,Indore