Saturday 16 July 2016

कॉल सेन्टर एजेंट से कर बैठी प्यार,मोबाइल बैलेंस मिला अपार



एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
कुछ पूछना था शायद उसको,
अक्सर कॉल सेन्टर में कॉल किया करती थी,
जब-जब भी कॉल करती थी,
बस यही सवाल पूछा करती थी,
मेरी DT क्यूँ नहीं बजती है ?
और हम CSO भी हाजिर जवाब होकर,
Empathetically तुरंत यही कहा करते थे...
बिलकुल चेक कर लेते है,
पर जानकारी देने से पहले...
क्या आपका नाम और नंबर जान सकते है ?
थोड़ा शरमाकर,अपने लब्जों को जमाकर,
कभी नाम अपना रानी, तो कभी नंदनी बताती थी,
और कभी-कभी तो call डिसकनेक्ट कर दिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,
अपने घरवालों से बच-बच के,
कभी Missed Call तो कभी SMS किया करती थी,
जाने क्या चाहती थी CSO (कस्टमर सर्विस ऑफिसर) से ?
अक्सर अपनी मधुर और सुरीली आवाज से,
CSO का मन मोह लिया करती थी,
उसकी आवाज से Agents अक्सर,
यूँ casually fell in voice हो जाया करते थे,
और मानक AHT(एवरेज हैंडलिंग टाइम) को भूलकर,
लम्बी-चौड़ी भरपूर जानकारी दिया करते थे,
बड़े प्यार से एक नहीं, दो नहीं,
बल्कि तीन-तीन बार पूछा करते थे,
मेडम अन्य कोई जानकारी ???
CSO से बतिया के मेडम भी...
फूल सी खिल जाया करती थी,
और 24*7 फ्री सेवा का लाभ यूँ लिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
हम CSO भी बड़े दिलवाले होते थे,
Product छोड़कर प्यार भरी बाते किया करते थे,
जब-जब भी लड़की का Call आता तो...
उसे GPRS OTA सेटिंग की तरह...
बातों-बातों में सेट कर लिया करते थे,
और Full Customer Satisfaction  के साथ,
दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है ?
पूछकर अपना Call ख़त्म किया करते थे |

"Mohabbatein Based Poem - Ek Ladki Thi Deewani Si"









कॉल सेन्टर एजेंट से कर बैठी प्यार,मोबाइल बैलेंस मिला अपार



एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
कुछ पूछना था शायद उसको,
अक्सर कॉल सेन्टर में कॉल किया करती थी,
जब-जब भी कॉल करती थी,
बस यही सवाल पूछा करती थी,
मेरी DT क्यूँ नहीं बजती है ?
और हम CSO भी हाजिर जवाब होकर,
Empathetically तुरंत यही कहा करते थे...
बिलकुल चेक कर लेते है,
पर जानकारी देने से पहले...
क्या आपका नाम और नंबर जान सकते है ?
थोड़ा शरमाकर,अपने लब्जों को जमाकर,
कभी नाम अपना रानी, तो कभी नंदनी बताती थी,
और कभी-कभी तो call डिसकनेक्ट कर दिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,
अपने घरवालों से बच-बच के,
कभी Missed Call तो कभी SMS किया करती थी,
जाने क्या चाहती थी CSO (कस्टमर सर्विस ऑफिसर) से ?
अक्सर अपनी मधुर और सुरीली आवाज से,
CSO का मन मोह लिया करती थी,
उसकी आवाज से Agents अक्सर,
यूँ casually fell in voice हो जाया करते थे,
और मानक AHT(एवरेज हैंडलिंग टाइम) को भूलकर,
लम्बी-चौड़ी भरपूर जानकारी दिया करते थे,
बड़े प्यार से एक नहीं, दो नहीं,
बल्कि तीन-तीन बार पूछा करते थे,
मेडम अन्य कोई जानकारी ???
CSO से बतिया के मेडम भी...
फूल सी खिल जाया करती थी,
और 24*7 फ्री सेवा का लाभ यूँ लिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
हम CSO भी बड़े दिलवाले होते थे,
Product छोड़कर प्यार भरी बाते किया करते थे,
जब-जब भी लड़की का Call आता तो...
उसे GPRS OTA सेटिंग की तरह...
बातों-बातों में सेट कर लिया करते थे,
और Full Customer Satisfaction  के साथ,
दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है ?
पूछकर अपना Call ख़त्म किया करते थे |

"Mohabbatein Based Poem - Ek Ladki Thi Deewani Si"









कॉल सेन्टर एजेंट से कर बैठी प्यार,मोबाइल बैलेंस मिला अपार



एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
कुछ पूछना था शायद उसको,
अक्सर कॉल सेन्टर में कॉल किया करती थी,
जब-जब भी कॉल करती थी,
बस यही सवाल पूछा करती थी,
मेरी DT क्यूँ नहीं बजती है ?
और हम CSO भी हाजिर जवाब होकर,
Empathetically तुरंत यही कहा करते थे...
बिलकुल चेक कर लेते है,
पर जानकारी देने से पहले...
क्या आपका नाम और नंबर जान सकते है ?
थोड़ा शरमाकर,अपने लब्जों को जमाकर,
कभी नाम अपना रानी, तो कभी नंदनी बताती थी,
और कभी-कभी तो call डिसकनेक्ट कर दिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,
अपने घरवालों से बच-बच के,
कभी Missed Call तो कभी SMS किया करती थी,
जाने क्या चाहती थी CSO (कस्टमर सर्विस ऑफिसर) से ?
अक्सर अपनी मधुर और सुरीली आवाज से,
CSO का मन मोह लिया करती थी,
उसकी आवाज से Agents अक्सर,
यूँ casually fell in voice हो जाया करते थे,
और मानक AHT(एवरेज हैंडलिंग टाइम) को भूलकर,
लम्बी-चौड़ी भरपूर जानकारी दिया करते थे,
बड़े प्यार से एक नहीं, दो नहीं,
बल्कि तीन-तीन बार पूछा करते थे,
मेडम अन्य कोई जानकारी ???
CSO से बतिया के मेडम भी...
फूल सी खिल जाया करती थी,
और 24*7 फ्री सेवा का लाभ यूँ लिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
हम CSO भी बड़े दिलवाले होते थे,
Product छोड़कर प्यार भरी बाते किया करते थे,
जब-जब भी लड़की का Call आता तो...
उसे GPRS OTA सेटिंग की तरह...
बातों-बातों में सेट कर लिया करते थे,
और Full Customer Satisfaction  के साथ,
दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है ?
पूछकर अपना Call ख़त्म किया करते थे |

"Mohabbatein Based Poem - Ek Ladki Thi Deewani Si"









कॉल सेन्टर एजेंट से कर बैठी प्यार,मोबाइल बैलेंस मिला अपार



एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
कुछ पूछना था शायद उसको,
अक्सर कॉल सेन्टर में कॉल किया करती थी,
जब-जब भी कॉल करती थी,
बस यही सवाल पूछा करती थी,
मेरी DT क्यूँ नहीं बजती है ?
और हम CSO भी हाजिर जवाब होकर,
Empathetically तुरंत यही कहा करते थे...
बिलकुल चेक कर लेते है,
पर जानकारी देने से पहले...
क्या आपका नाम और नंबर जान सकते है ?
थोड़ा शरमाकर,अपने लब्जों को जमाकर,
कभी नाम अपना रानी, तो कभी नंदनी बताती थी,
और कभी-कभी तो call डिसकनेक्ट कर दिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,
अपने घरवालों से बच-बच के,
कभी Missed Call तो कभी SMS किया करती थी,
जाने क्या चाहती थी CSO (कस्टमर सर्विस ऑफिसर) से ?
अक्सर अपनी मधुर और सुरीली आवाज से,
CSO का मन मोह लिया करती थी,
उसकी आवाज से Agents अक्सर,
यूँ casually fell in voice हो जाया करते थे,
और मानक AHT(एवरेज हैंडलिंग टाइम) को भूलकर,
लम्बी-चौड़ी भरपूर जानकारी दिया करते थे,
बड़े प्यार से एक नहीं, दो नहीं,
बल्कि तीन-तीन बार पूछा करते थे,
मेडम अन्य कोई जानकारी ???
CSO से बतिया के मेडम भी...
फूल सी खिल जाया करती थी,
और 24*7 फ्री सेवा का लाभ यूँ लिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
हम CSO भी बड़े दिलवाले होते थे,
Product छोड़कर प्यार भरी बाते किया करते थे,
जब-जब भी लड़की का Call आता तो...
उसे GPRS OTA सेटिंग की तरह...
बातों-बातों में सेट कर लिया करते थे,
और Full Customer Satisfaction  के साथ,
दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है ?
पूछकर अपना Call ख़त्म किया करते थे |

"Mohabbatein Based Poem - Ek Ladki Thi Deewani Si"









"कॉल सेन्टर एजेंट से कर बैठी प्यार,मोबाइल बैलेंस मिला अपार"


एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
कुछ पूछना था शायद उसको,
अक्सर कॉल सेन्टर में कॉल किया करती थी,
जब-जब भी कॉल करती थी,
बस यही सवाल पूछा करती थी,
मेरी DT क्यूँ नहीं बजती है ?
और हम CSO भी हाजिर जवाब होकर,
Empathetically तुरंत यही कहा करते थे...
बिलकुल चेक कर लेते है,
पर जानकारी देने से पहले...
क्या आपका नाम और नंबर जान सकते है ?
थोड़ा शरमाकर,अपने लब्जों को जमाकर,
कभी नाम अपना रानी, तो कभी नंदनी बताती थी,
और कभी-कभी तो call डिसकनेक्ट कर दिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,
अपने घरवालों से बच-बच के,
कभी Missed Call तो कभी SMS किया करती थी,
जाने क्या चाहती थी CSO (कस्टमर सर्विस ऑफिसर) से ?
अक्सर अपनी मधुर और सुरीली आवाज से,
CSO का मन मोह लिया करती थी,
उसकी आवाज से Agents अक्सर,
यूँ casually fell in voice हो जाया करते थे,
और मानक AHT(एवरेज हैंडलिंग टाइम) को भूलकर,
लम्बी-चौड़ी भरपूर जानकारी दिया करते थे,
बड़े प्यार से एक नहीं, दो नहीं,
बल्कि तीन-तीन बार पूछा करते थे,
मेडम अन्य कोई जानकारी ???
CSO से बतिया के मेडम भी...
फूल सी खिल जाया करती थी,
और 24*7 फ्री सेवा का लाभ यूँ लिया करती थी |

एक लड़की थी दीवानी-सी...
CSO पर वो मरा करती थी...
हम CSO भी बड़े दिलवाले होते थे,
Product छोड़कर प्यार भरी बाते किया करते थे,
जब-जब भी लड़की का Call आता तो...
उसे GPRS OTA सेटिंग की तरह...
बातों-बातों में सेट कर लिया करते थे,
और Full Customer Satisfaction  के साथ,
दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है ?
पूछकर अपना Call ख़त्म किया करते थे |

"Mohabbatein Based Poem - Ek Ladki Thi Deewani Si"









Tuesday 12 July 2016

Midnight Romance With Sheet In Rainfall





सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
चारों तरफ बिजली की वो खौफनाक चमक,
और तेज तूफानी हवाओं के थपेड़ों के सहारे,
यूँ रिमझिम-रिमझिम बरसती नन्ही-नन्ही बुँदे,
उस रात एक शर्मनाक शरारत मेरे साथ हो गई,
अक्सर ख़्वाबों में मेरा आलिंगन करने वाली कोमलान्गिनी,
आज कैसे भला, मुझसे यूँ हमबिस्तर हो गई |

सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
फिर क्या था, नज़रों-नजर नजारा सुहागरात-सा,
बिस्तर पर कच्ची कलियों की महक-सी महक हो गई,
धड़कन बढने लगी और साँसें तेज हो गई,
कभी मै उसके ऊपर,कभी वो मेरे ऊपर,
बस एक दूजे को पाने की,एक दूजे में समा जाने की,
बेइंतहा अनवरत जद्दोजहद शुरू हो गई |

सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
कभी उसका अध्-बदनांग बिस्तर से निचे हो जाता,
कभी मेरा अध्-शरीरांग बिस्तर से निचे हो जाता,
और कभी-कभी तो हम दोनों ही बिस्तर से निचे गिर जाते,
मै, वो और बिस्तर, बस रजनी जैसे थम-सी गई |
सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
कभी बिस्तर पर वो मुझे तलाशती,
कभी बिस्तर पर मै उसे तलाशता,
और कभी-कभी तो बेहद कसके लिपट जाते,
मेरी बैचेनी, मेरी तड़प, मेरी कसक यूँ बढ़ती गई |

सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
बस थी तमन्ना दो जिस्म एक जान हो जाने की,
उस असीम परमानंद और चरम सीमा को पाने की,
अंग-अंग हमारे कुछ यूँ अंगीकार हो गए,
तन-बदन में वासना की ज्वाला दहक उठी,
सारी कसमे, सारे वादे उस रात बेकार हो गए |

सर्द बरसात की वो काली अँधेरी भयानक रात...
ख्वाब में कुछ ऐसे हो गए थे मेरे हालात,
पर भला हो उस दूध वाले दादा का,
अगर वो मौक़ा-ऐ-वारदात पे घंटी न बजाता,
...तो शायद मेरी नई-नवेली मखमली चादर का,
उस रात बड़ा बुरा हाल हो जाता,

और मै किसी को मुंह दिखाने लायक न रहता !!!


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