Saturday 18 February 2017

Rapists Target: बलात्कारी आसानी से बनाते है इनको अपना शिकार

Freaky funtoosh

बलात्कार के आसान शिकार: क्या कभी आपने सोचा है की बलात्कार के सबसे आसान शिकार कौन है? नहीं ना; पर यदि हम अपने आस-पास नजर दौड़ाएंगे तो शीघ्र उत्तर भी मिल जाएगा, सडको पर घुमने वाली मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाए भीख मागने वाले बच्चे कचरा बिनने वाले बच्चे, आप यह सोच रहे है की यह कैसे सम्भव है?

ये तो बड़े ही गंदे व असभ्य से प्रतीत होते है,पर बलात्कारियो का कोई दिन-धर्म नहीं है| इस पर मुझे कुछ माह पूर्व की घटना याद आती है जब में मेरे पति के साथ इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र घुमने गईजहा एक महिला फटेहाल कपड़े पहने अपनी बच्ची को लेकर भीख माग रही थी उस महिला के अंग कपड़ो से झाक रहे थे मैंने अपने पति से कहा की इसको कपड़े दिलवा देते है व महिला की मदद करते है और बच्ची को चाइल्ड लाईन रेफर करते है| हमने आस-पास के ठेले वालो से उस महिला के बारे में पूछा तो बड़ी ही ह्दय विदारक घटना हमारे सामने आई की यह महिला बचपन से ही मानसिक रूप से विक्षिप्त है.और किसी व्यक्ति ने इसका फायदा उठाकर उसके साथ बलात्कार कियाजिसके परिणाम स्वरूप यह बच्ची पैदा हुई है|

हमारे द्वारा उसकी मदद करने की बहुत कोशिश की गई पर वह भयभीत थी की उसे और उसकी बेटी को अलग कर दिया जाएगा| अत:वो वहां से भाग गई, ऐसी घटना को देखकर मुझे मेरी माँ की बताई वह घटना स्मरण हो आती है जिसमे उन्होंने बताया था की उनके बचपन में एक पागल महिला मौहल्ले में घुमती-फिरती रहती थी की एक दिन अचानक खबर आई की वह माँ बनने वाली है, परदे में रहने वाली महिलाओ के लिऐ यह आश्चर्य का विषय था की समाज में ऐसे वहशी दरिन्दे भी घूमते है जो एक अबला पागल पर भी अपनी दरन्दगी दिखाने से नहीं चुकते.....वह पागल माँ बनते समय अकाल मृत्यु को प्राप्त हुई| मौहल्ले में ही रहने वाली एक दयालु महिला ने उस बच्चे को अपना लिया जो पहले से ही 6 बच्चो की माँ थी|

आज भी ऐसे अनेक किस्से हमको हमारे आस-पास देखने को मिल जाएगे| इसी प्रकार से कुछ असामाजिक तत्व भी भीख मागने वाले बच्चो, कचरा बीनने वाले बच्चो का यौन शोषण करते है, हम चाहे कितने भी शिक्षित और सभ्य हो जाए पर अभी तक हम जागरूक नहीं हो पाए है की हम अपने आस-पास के दरिंदो को पहचान कर उन्हें दण्डित करवा पाए| हम एक ऐसे कुए में निवास कर रहे हैयदि हम कुछ ऐसा प्रयास करेंगे तो पीछे से 10 लौग आपके पाँव खिचेंगे| कई बार तो कानून के रक्षक भी आपकी राहों में रोड़ा बनेगे काश वो सुबह किसी दिन तो आए की सब के सब एक होकर इस दरन्दगी के प्रति अपनी आवाज उठाए

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