Saturday, 14 May 2016

"मैया मोरी तुमरे दरस की प्यासी मै..."


मैया मोरी तुमरी मूरत,
है वो सबसे प्यारी रे...
सुबह शाम मै भजा करूं,
तुमरे दरस की प्यासी मै...
ओ कमला रानी सुन लो बिनती,
ओ मेरी भोली भाली रे...
तुमरे द्वारे आये जो भी,
भर-भर झोली जाय रे...
मैया मोरी तुमरी मूरत
है वो सबसे प्यारी रे...!

तुमरे नयना करुणा के सागर,
तुम-सा न कोई प्यारा रे...
मांग में तुमरी लाल सिंदूर,
पल-पल रूप बढ़ाए रे...
तुमरी छटा है ऐसी निराली,
तुम-सा न कोई न्यारा रे...
कंगन मोती झुमका बाली,
पहन के निकली माता रे...
मैया मोरी तुमरी मूरत
है वो सबसे प्यारी रे...!

आओ सखियों माँ को निहारें,
ऐसा न मौका आये रे...
माँ का रूप असीम निराला,
कंठन पर मुतियन की माला रे...
देख मै तो भई दीवानी,
जीवन सफल कर डाला रे...
मैया मोरी तुमरी मूरत,


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