Sunday, 25 March 2012

पलकों पे बिठा लूँ तुमको


पलकों पे बिठा लूँ तुमको
आंखों में बसा लूँ तुमको
कोई ख्वाब बना लूँ तुमको
ज़रा नज़रों से नजरें तो मिलाओ
कि जीभर के प्यार कर लूँ तुमको
ऐ हसीं नजारों की मलिका
आज निगाहों का गुरुर बना लूँ तुमको
फिर कोई नज़र ना लगे इस हीरे को
की आज नुरे-नज़र बना लूँ तुमको ,,,,,,,,

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